हिंदुस्तान कहते हैं
हिंदूकाल
"खाया है कसम हर जाति, हर धर्म को मिलने का उसे अपना ईमान कहते हैं |"
"और केसरिया, सफेद, हरा को अपनी जान कहते हैं |"
और इसी एकता में है जादू , जो किसी और में नहीं....
अपनी इसी एकता के निशानी को हिंदुस्तान कहते हैं|
"गीता को हिंदुओं की शान कहते हैं|"
"जो सही रास्ता दिखाएं उसे मुसलमान का कुरान कहते हैं|"
क्या गीता है क्या कुरान है नियति तो एक है......
अपनी इसी नियति की पवित्रता को तो हिंदुस्तान कहते हैं|
"संस्कृति है जहां की सबसे निराली, उसे उसकी मर्यादा मान कहते हैं|"
"और लहराता हुआ तिरंगा, उसे उसकी शान कहते हैं|"
और इसकी हरियाली में है ऐसा जादू, जो किसी और में नहीं......
अपनी इसी हरियाली के बगीचे को तो हिंदुस्तान कहते हैं|
"की मंदिर में ईश्वर की आरती ,को मन का ईमान कहते हैं|"
"की खुदा से मांगा हुआ दुआ, उसे अजान कहते हैं|"
क्या आरती है, क्या अजान है, हमें तो मानवता चाहिए........
"और अपनी इसी मानवता की निशानी को हिंदुस्तान कहते हैं|"
"किसी सिपाही के शहीद होने पर , उसे कुर्बान कहते हैं|"
"की वह वहां लड़ते हैं, और हम अपने त्योहारों को गुणगान कहते हैं|"
की वह वहां रहते हैं , हमारी रक्षा के लिए हरदम तैयार......
"की उनकी इसी रक्षा की भावना को, हमारा और आपका प्यारा हिंदुस्तान कहते हैं|"
SURAJ PANDEY, (LAL BABA COLLEGE),
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