ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने यॉर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा के साथ मिलकर भारत में उच्च शिक्षा को मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा


यॉर्क यूनिवर्सिटी की वाइस-चांसलर, डॉ. रोंडा एल. लेंटन कहती हैं कि, दुनिया के सामने मौजूद जटिल चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से वैश्विक भागीदारी को सुगम बनाने के लिए प्रगतिशील विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है

हिन्दूकाल संवाददाता : कोलकाता 18 सितंबर, 2023: यॉर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा का तीसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है, जिसे संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों पर अपने प्रभाव के लिए दुनिया के शीर्ष 40 संस्थानों में शामिल किया गया है, और वर्तमान में यह विश्वविद्यालय दुनिया भर के भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह संस्थान अंतर्विषयक अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व स्तरीय उच्च गुणवत्ता वाले कार्यक्रमों की पेशकश करता है और नेतृत्व प्रदान करता है, जिसमें 318 मिलियन डॉलर की कनेक्टेड माइंड्स पहल भी शामिल है, जो उद्योगों को सभी के लिए सुलभ टेक्नोलॉजी को जल्द ही बाजार में लाने और छात्रों की अगली पीढ़ी को प्रशिक्षण देने में सक्षम बनाएगी। यॉर्क यूनिवर्सिटी को कई महत्वपूर्ण पहलों में निवेश करने पर गर्व है जिससे भारत के साथ हमारे रिश्ते और भी मजबूत होंगे, तथा दोनों देशों के होनहार छात्रों एवं शोधकर्ताओं के लिए लाभकारी अवसर पैदा होंगे। विश्वविद्यालय की इन पहलों में ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के साथ शुरू किया गया इंडिया इमर्श़न प्रोग्राम भी शामिल है, क्योंकि कनाडा के छात्रों के लिए भारत, इसके विकास की कहानी और दुनिया पर भारत के प्रभाव को समझना बेहद जरूरी है।

इसके बाद, पूरे भारत में एंटरप्रेन्योरशिप बूट कैंप का आयोजन भी किया जाएगा, जहाँ होनहार छात्रों को दुनिया के सबसे बड़े व्यवसाय और उपभोक्ता बाजार के बारे में जानने का मौका मिलेगा; साथ ही एक नए ग्लोबल रिसर्च सीड फंड को भी लॉन्च किया जाएगा, जिसके माध्यम से भारत जैसे प्राथमिकता वाले देशों में प्रमुख विश्वविद्यालयों, उद्योगों, सरकारी एजेंसियों तथा गैर सरकारी संगठनों के साथ वैश्विक अनुसंधान सहयोग में निवेश किया जाएगा। भारत के कई जाने-माने उद्योगों और संस्थानों की तरह, यॉर्क भी समानता और समावेशन से जुड़ी चुनौतियों को दूर करने वाले क्षेत्रों में शिक्षण, शोध और ज्ञान जुटाने को प्राथमिकता दे रहा है। यॉर्क कनाडा का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसके पास संयुक्त राष्ट्र CIFAL प्रशिक्षण केंद्र है, जो आपदा जोखिम, आपातकालीन प्रबंधन और मानवीय कार्रवाई, के अलावा स्वास्थ्य, विकास, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, तथा समानता, विविधता और समावेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नीतियों को तैयार करने पर अलग-अलग क्षेत्रों के आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह बड़े पैमाने पर बदलाव लाने वाली नई ग्लोबल वॉटर एकेडमी में प्रमुख शैक्षणिक भागीदार भी है, जिसका उद्देश्य यूएनआईटीएआर के साथ मिलकर पानी की स्थायी उपलब्धता के संकट से निपटना है।


ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी और कनाडा की यॉर्क यूनिवर्सिटी ने दोनों देशों के बीच शैक्षणिक सहयोग के साथ-साथ छात्रों के आवागमन में सहायता करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।


दोनों विश्वविद्यालय इस साझेदारी के तहत छात्रों तथा प्राध्यापकों के आदान-प्रदान कार्यक्रमों, विदेश में अल्पकालिक अध्ययन कार्यक्रमों, दोहरे डिग्री कार्यक्रमों तथा परस्पर सहयोग से किए जाने वाले अनुसंधान परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देंगे। 


यॉर्क यूनिवर्सिटी की आठवें अध्यक्ष एवं वाइस-चांसलर, प्रोफेसर (डॉ.) रोंडा एल. लेंटन तथा ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक उपकुलपति, प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने इस समझौता ज्ञापन के तहत साथ मिलकर शुरू की गई कई पहलों की घोषणा की। इनमें कनाडा के छात्रों के लिए इंडिया इमर्श़न प्रोग्राम का शुभारंभ भी शामिल है, ताकि उन्हें एक देश के रूप में भारत और इसके विकास की कहानी को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सके।



आज की दुनिया में प्रगतिशील विश्वविद्यालयों की अहमियत को उजागर करते हुए, प्रो. (डॉ.) रोंडा एल. लेंटन ने कहा: “दुनिया धीरे-धीरे वैश्विक महामारी से उबर रही है, और ऐसे दौर में यॉर्क यूनिवर्सिटी तथा ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी जैसे प्रगतिशील विश्वविद्यालयों के पास बेहद जटिल चुनौतियों का समाधान करने के लिए वैश्विक भागीदारी को सुगम बनाने में बड़ी भूमिका निभाने का अवसर है। इन जटिल चुनौतियों में लगातार बढ़ने वाला भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रास्फीति उनकी वजह से अर्थव्यवस्थाओं की अस्थिरता, और तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी से धरती के विनाश का खतरा, इत्यादि शामिल हैं। और इस दौरान एआई तथा ऑटोमेशन जैसी अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी को तेजी से उपयोग में लाया जा रहा है। भारत और कनाडा इस नए वैश्विक संदर्भ में अगुवाई करने के लिए स्वाभाविक भागीदार हैं।“


इस मौके पर प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा: “भारत ज्ञान तथा अवसरों के आदान-प्रदान का एक वैश्विक क्षेत्र बनाने की तलाश में है, और इस दिशा में कनाडा सबसे अहम भागीदार है। यॉर्क यूनिवर्सिटी के साथ यह साझेदारी हमारे संस्थान के सफर में एक बड़ी उपलब्धि है, जो कनाडा की अग्रणी यूनिवर्सिटी में से एक है। हाल ही में कनेडियन ब्यूरो फॉर इंटरनेशनल एजुकेशन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि, कनाडा के लगभग 34 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय छात्र भारतीय हैं। निकट भविष्य में भारत आने वाले कनाडाई छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। भारत में निजी क्षेत्र के अग्रणी विश्वविद्यालय होने के नाते, यह साझेदारी न केवल हमारे विश्वविद्यालयों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत और कनाडा के बीच लंबे समय में शैक्षिक संबंध को भी मजबूती मिलेगी।“


उन्होंने आगे कहा: “शिक्षा के क्षेत्र में, भारत और कनाडा के बीच काफी गहरा नाता है जो लंबे समय से बरकरार है। उच्च शिक्षा और अनुसंधान में भागीदारी दरअसल भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों का बेहद अहम हिस्सा है। दोनों देश बहुत से राजनयिक और सांस्कृतिक संबंधों को साझा करते हैं, लिहाजा छात्रों के आवागमन, अनुसंधान साझेदारी और शैक्षिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में की गई यह साझेदारी भी स्वाभाविक तथा बेहद लाभदायक है। 2009 में स्थापना के बाद से ही, हमारा लक्ष्य भारत की पहली 'ग्लोबल यूनिवर्सिटी' बनाने पर केंद्रित है। उच्च शिक्षा के हर पहलू में अंतर्राष्ट्रीयता को बढ़ावा देकर हम इस दृष्टिकोण के प्रति अपने वादे पर पूरी तरह से खरी उतरे हैं, साथ ही हमने अंतर्राष्ट्रीयता स्तर के माहौल में छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा पाने का अनुभव भी प्रदान किया है।”

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