वन्दे मातरम् के रचयिता को काव्यांजलि प्रदान की राष्ट्रीय कवि संगम ने :


 

कोलकाता,  26 जून, हमारे राष्ट्र गीत वन्दे मातरम् के रचयिता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय की जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय कवि संगम की मध्य कोलकाता इकाई ने, संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष  डॉ. गिरधर राय की अध्यक्षता में, कोलकाता के बड़ाबाज़ार लाइब्रेरी के आचार्य विष्णुकांत शास्त्री वातानुकूलित सभागार में, एक अभूतपूर्व काव्य गोष्ठी के माध्यम से बंकिम चन्द्र को काव्यांजलि प्रदान की, जिसमें संयोजन का भार सम्भाला मध्य कोलकाता के जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा एवं संचालन के दायित्व का निर्वाह किया जिला महामंत्री स्वागता बसु एवं नवांकुर कवि विकास ठाकुर ने। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नीता अनामिका, विशिष्ट अतिथि के रूप में नंदलाल रौशन, गजेन्द्र नाहटा तथा अन्य गणमान्य अतिथियों में संस्था के जिला संरक्षक उमेश चन्द्र तिवारी, उषा जैन एवं बड़ा बाज़ार लाइब्रेरी के मंत्री अशोक गुप्ता ने उपस्थित होकर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए।कार्यक्रम के प्रारम्भ में हुगली जिले के कर्मठ सदस्य दिवंगत श्री प्रकाश गुप्ता जी की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रख कर, उन्हें संस्था की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित की गयी | इसके पश्चात आलोक चौधरी ने राष्ट्र वन्दना प्रस्तुत कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की और फिर सभा में उपस्थित सभी कलमकारों ने अपनी अपनी बेहतरीन रचनाओं की प्रस्तुति देकर वातावरण को ओजमय बना दिया। इन रचनाओं में नीता अनामिका की ‘टूटना हो तो टूट कर खुद में गिरो’, रणजीत भारती की ‘बना रहा है मिसालों की वो बस्तियां’, गजेन्द्र नाहटा की ‘बढ़ते जा तू बढ़ते जा’, नंदलाल रौशन की ‘देकर अब आशीष विदा माँ कर दे’ , डॉ० गिरिधर राय की ‘पागलखाना’ एवं आलोक चौधरी की 'हमें फिर से वही सुभाष चाहिए' विशेष रूप से सराही गयीं। इनके अलावा, कार्यक्रम में उपस्थित उमेश चन्द्र तिवारी, ऊषा जैन, रामाकांत सिन्हा, स्वागता बसु, आलोक चौधरी, विकास ठाकुर, वन्दना पाठक, ललिता जोशी, विष्णुप्रिया त्रिवेदी, रूपम महतो, जीवन सिंह, डॉ० मनोज मिश्र, पुनीत अग्रवाल, रवींद्र श्रीवास्तव, प्रणति ठाकुर, श्वेता गुप्ता श्वेताम्बरी एवं राज घोष ने भी अपनी रचनाओं से खूब तालियाँ बटोरी। इस अवसर पर, संस्था के जिला संरक्षक उमेश चन्द्र तिवारी ने बंकिम चन्द्र पर दिए अपने वक्तव में कहा कि बंकिम जी का ‘वन्दे मातरम्’ गीत भारत के स्वाधीनता संग्राम में किस तरह सबसे बड़ा अस्त्र साबित हुआ।इस कार्यक्रम में, श्रोताओं के रूप में वी.अरुणा, श्रीमोहन तिवारी, विवेक तिवारी, सुशील कुमार तिवारी, रुद्रकांत झा एवं सूर्या बसु ने अपनी उपस्थिति देकर कार्यक्रम को और भी गौरवान्वित कर दिया।काव्य गोष्ठी की यह अपूर्व संध्या जिला संरक्षक उषा जैन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ सुसंपन्न हुई।


रिपोर्ट  : राम पुकार सिंह  - कोलकाता

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