उत्तर हावड़ा में सड़कों की बदहाली से परेशान आम नागरिक।

 


हावड़ा नगर निगम के उत्तर हावड़ा इलाके की सड़कों की बदहाली से आम नागरिक परेशान है। थोड़ी सी बारिश से ही इलाके के अधिकतर सड़कों पर जलजमाव हो जाता है। गौरतलब है कि 4 साल होने को आए और नगर निगम का चुनाव नहीं हुआ, जिसके कारण जनप्रतिनिधियों के अभाव में सड़कों की सही तरीके से मरम्मत भी नहीं हुई और बारिश आते ही कई इलाकों में जलजमाव से नागरिकों का जीवन अस्त वस्त हो जाता है। उत्तर हावड़ा का प्रवेश द्वार डबसन रोड और जीटी रोड की समय से मरम्मत नहीं होने से जहां जलजमाव की समस्या बारिश के दिनों में होती है वही अन्य दिनों में रास्ते पर पड़े गड्ढों के कारण आम नागरिक पैदल भी नहीं चल पाता है। यहां तक कि इन सड़कों पर फुटपाथ की भी व्यवस्था नहीं है। इन सड़कों से जुड़ी गलियां मुखराम कनोडिया रोड, किंग्स रोड, रोजमेरी लेन, वाटकिंस लेन, हरदत्त राय चमरिया रोड, धर्मुतल्ला रोड, तस्कर पाड़ा रोड की बदहाली बारिश के दिनों में जलजमाव से कुछ ऐसी होती है कि घंटों लोग घर से नहीं निकल पाते और स्कूल से छूटे छात्र छात्राओं को गंदे पानी में चलते हुए घर लौटना पड़ता है। जिसकी वजह से कई तरह के चर्म रोगों के शिकार यह बच्चे होते हैं। इससे भी बदहाल स्थिति फकीर बागान, नंदी बागान, तिनकौड़ी नाथ बोस लेन,शशि भूषण सरकार लेन, मोइनाथ पोरेल लेन, बामनगाछी इलाके का सी रोड और आसपास के इलाके की है जहां जलजमाव का नजारा कई दिनों तक देखा जा सकता है। ऐसे में इन इलाका वासियों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। छात्र विद्यालय नहीं जा पाते तो उनके अभिभावक अपनी नौकरी से गैर हाजिर होते रहते हैं। बारिश के अलावा अन्य दिनों में इन सड़कों की बदहाली बेवजह दुर्घटना का कारण बनती है जगह-जगह गड्ढे दुर्घटना को आमंत्रित करते दिखते हैं। पैदल चलने वाले हों या बाइक सवार या ऑटो-टोटो के यात्री  इन बदहाल सड़कों के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो हाथ पैर तुड़वा कर जीवन की बदहाली झेलने को मजबूर हो जाते हैं। और इस पर न ही नगर निगम का ध्यान है और न मौजूदा राज्य सरकार का। गौरतलब है कि नगर निगम जितना टैक्स बढ़ाने में और टैक्स वसूली में चुस्त-दुरुस्त है उतनी नागरिक सुविधा दिलाने में रहता तो हावड़ा की सड़कों का कायापलट हो जाता। नागरिक पेयजल, जल निकासी, सड़क और सड़कों पर रोशनी के साथ अन्य नागरिक सुविधाओं  के लिए ही नगर निगम को टैक्स देते हैं लेकिन बदहाली का आलम यह है कि एक महीना पहले सड़क पर जलजमाव और लैम्पपोस्ट की बिजली लीकेज से एक महिला की मौत हो गई। इसी तरह की छोटी मोटी दुर्घटनाएं 4 साल से लगातार होती रही है कहीं खबर बनती है और कहीं खबरों से ओझल दुर्घटनाओं पर  संज्ञान नहीं लिया जाता यह कहकर कि दुर्घटनाग्रस्त नागरिक का ही दोष है। परेशान उत्तर हावड़ा के ज्यादातर नागरिकों का कहना है कि उत्तर हावड़ा इलाके की सड़क और गालियां पिछले 4 साल से चलने लायक नहीं हैं। रोज ये बुजुर्ग इन्ही सड़कों पर पैदल चलते और रिक्शा में चलते हुए यहा की सरकार और नगर निगम को कोसते है। हल्की बारिश में जब ये घर से निकलते है तो इन्हें गंदे पानी मे डूबे इन्ही सड़कों पर चलते हुए बहुत तकलीफ होती है। पिछले दिनों इन्ही समस्याओं को लेकर भाजपा के प्रदेश सचिव उमेश राय ने एक जनहस्ताक्षर अभियान चलाया था जिसमे सैकड़ों लोगों के हस्ताक्षर लेकर निगम के मुख्य प्रशासक को ज्ञापन सौंपा गया जिसके बाद मिले आश्वासन के 15 दिनों बाद भी कोई कार्यवाई नही दिख रही है। भाजपा नेता ने निगम पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में जिन इलाकों से तृणमूल को हार का सामना करना पड़ा था वो सभी इलाके विकास कार्यों से वंचित है। जल्द इन समस्याओं का समाधान नही होने पर इस विषय को जनहित के मामले के रुप में  कोलकाता उच्च न्यायालय तक ले जाया जायेगा।

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