"स्टोप चाइल्ड लेबर" के लिए गरिबी से लड़ना होगा -ईम्तेयाज भारतीया


हर साल १२ जून को "नो चाइल्ड लेबर डे " विश्व भर में पालन किया जाता है। हर साल की भाति संस्था संकल्प टूडे चाइल्ड लेबर से सम्बंधित कानून और बच्चों के अधिकार के प्रति जागरुकता का पाढ लोगों के बीच मे पढ़ाती है।

बाल श्रम हमारे देश और समाज के लिए बहुत ही गम्भीर विषय है।समाज के सभी अपनी नैतिक जिम्मेदारियाँ समझे। बाल मज़दूरी को जड़ से उखाड़ फेंकना देश के लिए एक चुनौती है क्योंकि बच्चों के माता-पिता ही बच्चों से कार्य करवाने लगे है। आज हमारे देश में किसी बच्चे को कठिन कार्य करते हुए देखना आम बात हो गई है।

बाल मज़दूरी का सबसे बड़ा कारण हमारे देश में गरीबी का होना है। गरीब परिवार के लोग अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ होते हैं, इसलिए वे अपने बच्चों को बाल मज़दूरी के लिए भेजते है।

शिक्षा के अभाव के कारण अभिभावक यही समझते हैं कि जितना जल्दी बच्चे कमाना सीख जाए उतना ही जल्दी उनके लिए अच्छा होगा।कुछ अभिभावक के माता पिता लालची होते हैं, जोकि स्वयं कार्य करना नहीं चाहते और अपने बच्चों को चंद रुपयों के लिए कठिन कार्य करने के लिए भेज देते है।

ईम्तेयाज भारतीया, सचिव संस्था संकल्प टूडे ने कहा बाल श्रम हमारे समाज के लिए एक अभिशाप है। बाल श्रम को खत्म करने के लिए सबसे पहले हमें अपनी सोच को बदलना होगा। बाल श्रम का अंत करने के लिए सबसे पहले अपने घरों या दफ्तरों में किसी भी बच्चे को काम पर नहीं रखना होगा। आगे उन्होंने कहा बाल मजदुरी को खत्म करने के लिऐ हमे गरिबी से लडना होगा और उनकी बुनियादी जरुरतों को पुरा करना होगा।

डा•वर्मा ने कहा कि बाल श्रम को रोकने के लिऐ और सख्त कानून बनाना होगा। 

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