बंगाल में और सघन जांच होनी चाहिए, पर्याप्त संख्या में नमूने नहीं मिल रहे हैं : एनआईसीईडी के निदेशक

कोलकाता, हिन्दूकाल , 14 अप्रैल राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (एनआईसीईडी)की निदेशक शांता दत्ता ने मंगलवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार समुदाय के स्तर पर हो रहा है या नहीं यह जानने के लिए संदिग्ध मामलों का पता लगाने और उनकी जांच करने की प्रक्रिया में तेजी लानी होगी। इस बात पर असंतोष जताते हुए कि संक्रमण के लिए जांच सिर्फ उन लोगों की हो रही है जिनमें लक्षण स्पष्ट दिख रहे हें या फिर जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, एनआईसीईडी की निदेशक ने कहा कि किसी ने विदेश यात्रा की हो या नहीं की हो, उनकी जांच होनी ही चाहिए। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण का जांच का जिम्मा एनआईसीईडी पर ही है। राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (एनआईसीईडी) भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के तहत आता है। यह आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) से जुड़ा हुआ है। दत्ता ने पीटीआई..भाषा से कहा, ‘‘अब वक्त आ गया है कि हम स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिह्नित छोटे-छोटे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जांच करें। लोगो में लक्षण नहीं दिखने पर भी जांच की जानी चाहिए। इससे हमें यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि कोविड-19 का प्रसार समुदाय के स्तर पर हुआ है या नहीं। और स्वाब की जांच करना कोई बड़ी बात नहीं है।’’ मौजूदा हालात को ‘‘चिंताजनक’’ बताते हुए उन्होंने घर-घर जाकर जांच करने की जरुरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें बेहद घनी आबादी वाले बंगाल में भी घर-घर जाकर जांच शुरू करनी चाहिए। इससे हमें संक्रमण के स्तर की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम अन्य राज्यों में की गयी जांच से तुलना करें तो यहां के मुकाबले अन्य राज्यों में बहुत ज्यादा जांच हुई हैं.... यह राज्य का मामला है और सरकार को कदम उठाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि संपर्क किए जाने पर उनका संस्थान सरकार की मदद करने को तैयार है। दत्ता ने बताया कि संक्रमण प्रसार के शुरुआती दिनों के मुकाबले अब संस्थान को सरकार की ओर से जांच के लिए कम नमूने मिल रहे हें। उन्होंने बताया, ‘‘पहले हमें (प्रतिदिन) करीब 90 नमूने मिल रहे थे.... अब संख्या कम हो गयी है। कल हमें 60 नमूने मिले।’’ यह इंगित करने पर की छह अन्य केन्द्रों में भी जांच हो रही है, एनआईसीईडी की निदेशक ने कहा कि उनका संस्थान ऐसी जांच करने के लिए ज्यादा उपयुक्त है। उन्होंने बताया,‘‘हमारे पास बेहर सुविधाएं हैं। चार उपकरण हैं। एनआईसीईडी की जांच का स्तर किसी मेडिकल कॉलेज के मुकाबले कम नहीं है। हमारी क्षमता भी बेहतर है, करीब 200 की है।’’

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