पूर्वी भारत में नये अवसरों की खोज में कोलकाता पहुंचे ऑस्ट्रेलियाई संसाधन प्रतिनिधि
हिन्दूकाल 26-02-2020
-ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से भारत में खनन उद्योग के क्षेत्रों की पहचान करना प्रमुख उद्येश्य
कोलकाता: मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया-भारत बिजनेस एक्सचेंज 2020 (एआईबी-एक्स) में शामिल होने अस्ट्रेलिया से आये ऑस्ट्रेलियाई संसाधन के 16 सदस्यों की एक टीम अभी कोलकाता में है। यह प्रतिनिधिमंडल पूर्वी भारत में भारतीय खनन उद्योग के साथ सहयोग के अवसरों की खोज कर रहे हैं।
भारत में खनन उद्योग पर पैनल चर्चा ऑस्ट्रेलियाई संसाधन प्रतिनिधिमंडल के इस दौरे में कोलकाता में ऑस्ट्रेलियाई व्यापार और निवेश आयोग (ऑस्ट्रेड), ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा भारत में खनन उद्योग, लक्ष्य एवं सुधार के साथ बेहतर रिजल्ट आने के लिए रोडमैप पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।
पैनल में भारतीय उद्योग समुदाय, इस्पात की बड़ी कंपनियों और अन्य बुनियादी ढांचे के विशेषज्ञों के व्यवसाय के जानकार शामिल थे। इस आयोजन में खनन उद्योग का वर्तमान परिदृश्य, राष्ट्रीय उत्पादन लक्ष्य, सुधार और क्षेत्र में विकास के रोडमैप पर विस्तृत चर्चा की गयी।
भारत में हाल के नीतिगत बदलावों और निहितार्थों, अंतर्राष्ट्रीय खनन, उपकरण, प्रौद्योगिकी और सेवाओं (एमइटीएस) की विशेषज्ञता एवं इसकी आवश्यकताओं के सिलसिले में रोडमैप के बारे में भी चर्चाएं हुई।
इस पैनल डिस्कशन में मुख्य प्रतिभागियों में श्री वी. के. अरोड़ा (पूर्व अध्यक्ष, भारतीय उद्योग परिसंघ, खनन और निर्माण उपकरण प्रभाग और मुख्य संरक्षक, करम चंद थापर और ब्रदर्स, कोल सेल्स लिमिटेड), श्री आर. पी. रितोलिया (सलाहकार, स्वयंभू प्राकृतिक संसाधन लिमिटेड, एसआरईआई ग्रुप), श्री हर्ष सचदेव (प्रबंध निदेशक, एस एंड टी माइनिंग कंपनी प्रा. लिमिटेड, एक सेल टाटा स्टील जेवी), सुश्री नंदिनी चक्रवर्ती (प्रबंध निदेशक, माइन लाइन प्रा. लिमिटेड) और श्री पंकज कुमार सिन्हा (प्रबंध निदेशक, डीएमटी कंसल्टिंग इंडिया प्रा. लिमिटेड) सम्मानीय अतिथियों के साथ मुख्य वक्ता के रुप में मौजूद थे।
ऑस्ट्रेलियाई सरकार के 16 सदस्यों के इन प्रतिनिधियों और भारतीय खनन उद्योग के विभिन्न हितधारकों के बीच शाम को नेटवर्किंग रिसेप्शन का भी आयोजन किया गया, जिसमें भू-खनन के एक्सपर्ट एवं सलाहकार, एजेंट और वितरक के अलावा भागीदार भी बड़ी संख्या में शामिल थे।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एवं इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आइआइटी एवं आइएसएम) के सहयोग से अब इनोवेशन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। यह भारत में भू-खनन में आरएंडडी की समझ पर संयुक्त अनुसंधान की संभावनाओं का अवलोकन करेगा और ऑस्ट्रेलिया के सहयोग के साथ भविष्य में बेहतर अवसरों को तलाशेगा।
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