जितिया व्रत


हिन्दूकाल  22 सितम्बर 2019 


पुत्र के दीर्घायुष्य एवं कुशलता के लिए अश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी को रखा जाता है जितिया व्रत। इस साल यह जियुतिया (जियुत्पुत्रिका) 22 सितम्बर दिन रविवार को रखा जाएगा। ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी के अनुसार अष्टमी तिथि शनिवार 21 सितम्बर को नहाई खाई होगा। जिउतिया व्रत में कुछ भी खाया या पिया नहीं जाता। इसलिए यह निर्जला व्रत होता है। व्रत का पारण अगले दिन प्रातःकाल किया जाता है जिसके बाद आप कैसा भी भोजन कर सकते है। इस व्रत को करते समय केवल सूर्योदय से पहले ही कुछ खा सकते हैं। 
नहाई खाई सप्तमी तिथि 21 सितम्बर 2019 दिन शनिवार को।
अष्टमी एवं व्रत का मुख्य दिन 22 सितम्बर 2019 दिन रविवार को। अष्टमी तिथि शनिवार 21 सितम्बर को दिन में 3:30 बजे लग जायेगी जो रविवार को 2:29 बजे तक व्याप्त रहेगी। सुबह 08:08 बजे तक मृगशिरा नक्षत्र,उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र ,व्यतिपात योग ,सौम्य योगा ,एवं अष्टमी का श्राद्ध इस दिन होगा।
पारण 23 सितम्बर 2019 दिन सोमवार को सूर्योदय के बाद कभी भी।
जीमूतवाहन की होती है पूजा
आश्विन कृष्ट अष्टमी तिथि को माताएं जीमूतवाहन की पूजा करती हैं। जीमूतवाहन गंधर्व राजकुमार था, जिसने के वृद्धा के पुत्र की जान बचाई थी। इसलिए जितिया में कुश से जीमूतवाहन की प्रतिमा बनाकर इसकी पूजा-अर्चना की जाती है। इसमें इसमें मिट्टी और गोबर से चील-सियारन की प्रतिमा भी बनाई जाती है। इस व्रत में माता जीवित्पुत्रिका और राजा जीमूतवाहन दोनो की सम्यक रुप से पूजा एवं पुत्रों की लम्बी आयु के लिए प्रार्थना की जाती है।  

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