बारिश में बच्चों को पॉलीथिन बैग में नदी पार कराई जाती है, ताकि वे सूखे कपड़ों में स्कूल पहुंच सकें
हिन्दूकाल 17 जुलाई, 2019
उत्तरी वियतनाम के हुओई हा गांव के बच्चे बारिश में यह जोखिम उठाते हैं
गांव के मुखिया का कहना है कि बारिश में अस्थायी पुल टूट जाता है, कोई और विकल्प नहीं है
बच्चों के बहने या पॉलीथिन बैग में बेहोश होने का डर रहता है
गांव के मुखिया का कहना है कि बारिश में अस्थायी पुल टूट जाता है, कोई और विकल्प नहीं है
बच्चों के बहने या पॉलीथिन बैग में बेहोश होने का डर रहता है
हनोई. उत्तरी वियतनाम के हुओई हा गांव के बच्चे सूखे कपड़ों में स्कूल जाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं।दरअसल, बरसात के दिनों में जब नाम मा नदी उफान पर होती है, तो बच्चों को एक पॉलीथिन में बंद कर दिया जाता है। फिर तैराक उन्हें खींचकर नदी के दूसरे तरफ ले जाते हैं।
गांव के मुखिया वो गोइंग का कहना, "यह बेहद खतरनाक है, लेकिन हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। बारिश के दिनों में नाम मा का जलस्तर बढ़ जाता है। बांस से बना अस्थाई पुल टूट जाता है। ऐसे में नदी तैर कर ही पार की जा सकती है।" एक स्थानीय व्यक्ति का कहना है कि बच्चे की यूनिफॉर्म गंदी और गीली न हो इसलिए यह तरीका अपनाया है।
'नदी पार कराना जोखिम से भरा '
गोइंग कहते हैं कि पॉलीथिन में नदी पार कराना जोखिम से भरा है। बच्चों के बहने या पॉलीथिन बैग में बेहोश होने का डर रहता है। खतरा उस वक्त और बढ़ जाता है कि जब नदी उफान पर होती है और उसमें कीचड़ की मात्रा बढ़ जाती है। कभी-कभी तैराक से भी चूक हो सकती है। मैं उम्मीद करता हूं सरकार पैसा लगाकर नदी पर सस्पेंशन ब्रिज बनवाए। ताकि ग्रामीणों का इससे राहत मिल सके।
गोइंग कहते हैं कि पॉलीथिन में नदी पार कराना जोखिम से भरा है। बच्चों के बहने या पॉलीथिन बैग में बेहोश होने का डर रहता है। खतरा उस वक्त और बढ़ जाता है कि जब नदी उफान पर होती है और उसमें कीचड़ की मात्रा बढ़ जाती है। कभी-कभी तैराक से भी चूक हो सकती है। मैं उम्मीद करता हूं सरकार पैसा लगाकर नदी पर सस्पेंशन ब्रिज बनवाए। ताकि ग्रामीणों का इससे राहत मिल सके।
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