लॉन्च से ऐन पहले Train 18 पर फंसा पेच, पीएम मोदी करने वाले हैं उद्घाटन


नई दिल्ली, 10 जनवरी 2019:
देश की सबसे तेज रफ्तार वाली ट्रेन Train 18 आधिकारिक लॉन्च से पहले प्रक्रिया से जुड़े एक पचड़े में फंसती नजर आ रही है। पेच यह है कि क्या नई ट्रेन को इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर टु द गवर्नमेंट (EIG) की तरफ से मंजूरी की जरूरत है? चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CCRS) की तरफ से इस ट्रेन को कंडीशनल सेफ्टी सर्टिफिकेट दिए जाते हुए यह मामला उठाया गया। सीसीआरएस ने कहा था कि इस ट्रेन के लिए ईआईजी क्लियरेंस की जरूरत है क्योंकि इस ट्रेन के हर कोच में आठ मोटर और एक ट्रांसफर्मर लगा है, जो 25 हजार बोल्ट के बिजली के लाइन से पावर लेता है।

जहां तक रेलवे बोर्ड में आम राय की बात है, अधिकारियों का माननाजहां तक रेलवे बोर्ड में आम राय की बात है, अधिकारियों का मानना है कि इस मामले में ईआईजी क्लियरेंस की जरूरत नहीं है। उनका मानना है कि रोलिंग स्टॉक को कानूनी तौर पर ईआईजी क्लीयरेंस की जरूरत नहीं है। इस ट्रेन के इलेक्ट्रिकल सेफ्टी का मुआयना टॉप लेवल के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग ने किया है। यह मुआयना इंटिग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई में किया गया, जहां इन कोचों का निर्माण किया गया है। इस ट्रेन को रिसर्च डिजाइंस ऐंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन की ओर से भी सर्टिफिकेट मिला है। मंत्रालय के मुताबिक, ऐसे मामलों में रेलवे बोर्ड आखिरी फैसला लेता है। है कि इस मामले में ईआईजी क्लियरेंस की जरूरत नहीं है। उनका मानना है कि रोलिंग स्टॉक को कानूनी तौर पर ईआईजी क्लीयरेंस की जरूरत नहीं है। इस ट्रेन के इलेक्ट्रिकल सेफ्टी का मुआयना टॉप लेवल के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग ने किया है। यह मुआयना इंटिग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई में किया गया, जहां इन कोचों का निर्माण किया गया है। इस ट्रेन को रिसर्च डिजाइंस ऐंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन की ओर से भी सर्टिफिकेट मिला है। मंत्रालय के मुताबिक, ऐसे मामलों में रेलवे बोर्ड आखिरी फैसला लेता है।

रेल मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ट्रेन 18 प्रक्रियात्मक मूल्यांकन से गुजर रहा है और यह काम पूरा होने के बाद लॉन्च कर दिया जाएगा। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की क्या इससे लॉन्च टलेगा कि नहीं? बता दें कि इस ट्रेन का उद्घाटन खुद पीएम नरेद्र मोदी करने वाले हैं। रेलवे बोर्ड के एक सूत्र ने कहा, ‘ट्रेन 18 से जुड़ी हर चीज बेहद त्वरित गति से की जा रही है इसलिए जो भी करने की आवश्यकता होगी, उसे अर्जेंट तरीके से निपटाया जाएगा।’ वहीं, इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉपरेशन ने ट्रेन 18 के एक अलग पहलू की ओर ध्यान दिलाया है। उनका कहना है कि इसमें शताब्दी ट्रेन के मुकाबले एक तिहाई कम खाना ढोया जा सकेगा। रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को आश्वस्त किया है कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए शायद दो सीटों को हटाना पड़े।
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