मंच पर अब समाज के कुटिल यौनकर्मी
अर्चना साव, कोलकाता, 9 जनवरी 2019:
वह लोग सामाजिक जीवन से वंचित है। पर सभी के जीवन को अंधेरे से प्रकाशित करने की ओर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, दुर्गा महिला समिति। यौनकर्मी अब विभिन्न सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं। और समाज को अपने साथ हुए अत्याचार से सभी को सावधान कर रहे हैं। दुर्गा महिला संगठन, जहां समाज लड़कियों को बुरी नजर से देखता और उनके साथ अत्याचार करते हैं और कहते हैं, कि वे समाज के लायक नहीं ऐसी महिला अपनी पहचान बनाने के लिए इस नाटक में अपने कला से सभी के नेतृत्व को बदल रही है। वे अपने कला से समाज को यह सीख दे रही है कि वह गलत कभी नहीं थी। उसे गलत किया गया, कुछ परिस्थितियो के कारण, तो किसी के साथ दुष्कर्म कर के उससे इस दलदल में दाल दिया जाता है। और वे यौनकर्मी बन जाते हैं। तो कोई कोई हालात से मजबूर होते हैं। तो यह गलत कदम उठाते हैं। पर अब ऐसा नहीं होगा इन यौनकर्मी को भी अपने जीवन बदल कर आगे बढ़ने का अधिकार होनी चाहिए और वह कर रहे हैं। कोलकाता थिएटर के रंगमंच पर दुरबा महिला संगठन के 14 यौनकर्मियों ने नाट्य कला का प्रदर्शन करेंगे। यह नाटक चिरंजीव गुहा द्वारा लिखा गया है और निगिल अक्कारा द्वारा प्रकाशित किया गया है। इस नाटक का नाम झोरा गुलेर रुपकोथा है।
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