महाश्वेता देवी की 93वी जयंती पर ममता ने दी श्रद्धांजलि

कोलकाता, 14 जनवरी 2019:
साहित्य जगत में महाश्वेता देवी के योगदान को याद करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता को उनकी 93वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी। ‘हाजार चौराशीर मां’, ‘चोट्टी मुंडा एवं तार तीर’, ‘रुदाली’ और ‘झांशीर रानी’ जैसी कृतियों के लिए जानी जाने वाली महाश्वेता देवी को ममता बनर्जी ने प्रेरणा करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘महाश्वेता दी की जयंती पर उनकी याद आ रही है। वह मुश्किल समय में मेरी और कई अन्य की असल प्रेरणा है। हम उन्हें याद करते हैं।’’ ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘साहित्य जगत में योगदान के अलावा जनजातीय एवं वंचित समुदायों के लिए उन्होंने जो काम किया, वह हमारे लिए प्रेरणादायी है।’’ पद्म विभूषण से सम्मानित महाश्वेता देवी ने 2011 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ‘परिवर्तन’ की अपील करते हुए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो का समर्थन किया था। उन्होंने नंदीग्राम आंदोलन में भी सक्रिय भागीदारी की थी और पूर्व की माकपा सरकार की औद्योगिक नीति के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। महाश्वेता देवी का जन्म 1926 में हुआ। उनके पिता मनीष घटक जाने माने कवि और मां धारीत्री देवी भी एक लेखिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता थी। वह राजनीतिक एवं साहित्यिक पर्यावरण में पली बढ़ी। उन्हें 1979 में ‘अरण्येर अधिकार’ के लिए साहित्य अकादमी और 1996 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें अगले वर्ष रेमन मैगसायसाय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 1986 में पद्म श्री, 2006 में पद्म विभूषण और 2011 में बंग बिभूषण पुरस्कार प्रदान किया गया। महाश्वेता देवी का निधन जुलाई 2016 में हुआ।

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