41 साल के बाद पहली बार विपक्ष की ऐतिहासिक रैली
विपक्ष का ऐसा जमावड़ा 41 साल बाद देखने को मिलेगा। इससे पहले ज्योति बसु ने कांग्रेस को उखाड़ फेंकने के लिए 7 जून, 1977 को संयुक्त विपक्ष की मुट्ठी तान दी थी। इसके बाद इस ऐतिहासिक मैदान में उतने लोग कभी नहीं आए। ममता की रैली में चंद्रशेखर राव को छोड़कर विपक्ष के अधिकांश नेता पहुंच रहे हैं। इस रैली में कांग्रेस से लेकर जेडीएस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एनसीपी, आरजेडी, एसपी, बीएसपी और टीडीपी, आम आदमी पार्टी समेत कम से कम 20 दलों के नेता, कई मुख्यमंत्री, कई पूर्व मुख्यमंत्री और दर्जनों पूर्व मंत्री ब्रिगेड के मैदान में अपनी लोकप्रियता का इम्तिहान देंगे। सबके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे।
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