BJP, चुनाव जीतने के लिए बनाई ये खास रणनीति

 नई दिल्ली, 30 दिसंबर 2018

हाल के विधानसभा चुनावों में हार की भरपाई बीजेपी को कैसे करनी है, इस पर गंभीर मंथन जारी है और नई रणनीतियां बनाने पर काम चल रहा है lहिंदी पट्टी के तीन राज्यों में मिली हार के बाद अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में 2014 जैसे नतीजे दोहराने के लिए प्रयासरत बीजेपी ‘नेशन विद नमो’ और ‘पहला वोट मोदी के नाम’ अभियान के जरिये युवाओं और पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं को साधेगी. बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया, ‘बीजेपी का मंत्र सबका साथ, सबका विकास है. आगामी लोकसभा चुनाव में हमारा जोर युवाओं, महिलाओं, किसानों, दलितों, सैनिकों पर रहेगा.’

पार्टी का अपनी चुनावी रणनीति के तहत किसानों, आदिवासियों, दलितों, महिलाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान कुंभ, बिरसा ग्राम सभा, भीम समरसता भोज, उज्जवला रसोई कार्यक्रम आयोजित करने का कार्यक्रम है. पार्टी 12 जनवरी को ‘नेशन विद नमो’ अभियान को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाएगी. इसके तहत आने वाले समय में ‘नेशन विद नमो वॉलंटियर’ के जरिये देश में 50 लाख युवाओं को संकल्प दिलाया जाएगा. साथ ही पार्टी 15 जनवरी से 10 फरवरी तक देश की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में युवा संसद कार्यक्रम आयोजित करेगी.
पहली बार वोट देने वालों पर खास ध्यान
बीजेपी ने पहली बार वोट डालने वाले युवाओं पर खास जोर दिया है और इन्हें पार्टी से जोड़ने के लिए ‘पहला वोट मोदी के नाम’ पहल शुरू की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में 2000 में जन्म लेने वाले और 2019 के चुनाव में योग्य मतदाताओं का जिक्र किया था. तब से ही बीजेपी इस पहल को आगे बढ़ाने पर जोर दे रही है.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को शिकस्त मिली थी, जहां लोकसभा की 65 सीटें हैं. बीजेपी ने 2014 के चुनाव में 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर 2019 में यह संख्या घटकर आधी रह सकती है. ऐसे में पार्टी इस हार से उबरकर लोकसभा चुनाव के लिए कमर कसने में जुटी है.
हिंदी पट्टी में हुए नुकसान की भरपाई
हिंदी पट्टी में हुए नुकसान की भरपाई पार्टी दक्षिण, पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों से करने की तैयारी में है. इस मकसद से प्रधानमंत्री मोदी केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में दो दर्जन से ज्यादा रैलियां करेंगे. इन इलाकों से लोकसभा की 122 सीटें आती हैं. बीजेपी पदाधिकारी ने बताया कि आने वाले चुनाव में किसान और कृषि क्षेत्र अहम मुद्दा बनने जा रहा है. ऐसे में किसान परिवारों तक इसके बड़े स्तर पर प्रचार के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया गया है.
किसानों को जोड़ने में लगी पार्टी
किसान को जोड़ने की पहल के तहत तीन स्तर पर काम किया जा रहा है. केंद्रीय और प्रदेश टीम के साथ जिला प्रभारियों को इस काम में लगाया गया है. साथ ही तहत पंचायत स्तर पर ‘किसान कुंभ ग्राम सभा’ का आयोजन भी होगा. पार्टी ने हर बूथ पर लगभग दो दर्जन कार्यकर्ताओं की टोली बनाई है. यह टोली हर दिन सुबह-शाम और छुट्टी वाले दिनों में घर-घर जाकर परिवारों से मिलेगी और दुकानदारों, अन्य छोटे-मोटे काम करने वालों से भी संपर्क करेगी.

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