देश का सबसे ताकतवर इमेजिंग सैटेलाइट लॉन्च



हैदराबाद, 29 नवम्बर 2018:

आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से गुरुवार को पीएसएलवी-सी43 रॉकेट से स्वदेशी हाइसइस (एचवाईएसआईएस) सैटेलाइट लॉन्च किया। इसरो प्रमुख डॉ. के सीवान ने इसे अब तक का देश का सबसे ताकतवर इमेजिंग सैटेलाइट बताया। हाइसइस के साथ आठ देशों के 30 अन्य सैटेलाइट (1 माइक्रो और 29 नैनो) भी छोड़े गए। पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) की इस साल में यह छठी उड़ान थी। उपग्रहों को धरती से 636 किमी ऊपर कक्षा में स्थापित किया जाएगा। प्रक्षेपण की उल्टी गिनती बुधवार की सुबह 5:58 बजे शुरू हो गई थी। हाइसइस धरती की सतह का अध्ययन करने के साथ मैग्नेटिक फील्ड पर भी नजर रखेगा। इसे रणनीतिक उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। इस महीने इसरो की यह दूसरी लॉन्चिंग है। इससे पहले 14 नवंबर को एजेंसी ने अपना संचार उपग्रह जीसैट-29 छोड़ा था।
हाइसइस 44.4 मीटर लंबे और 230 टन वजनी पीएसएलवी रॉकेट से छोड़ा गया। पीएसएलवी चार चरण का लॉन्चिंग व्हीकल है, जिसमें ठोस ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है। हाइसइस का वजन 380 किलो जबकि 30 अन्य सैटेलाइट का वजन 261.5 किलो है। इसरो के मुताबिक, रॉकेट लॉन्चिंग के 112 मिनट (एक घंटे 52 मिनट मिनट) बाद मिशन पूरा हो जाएगा। जिन देशों के उपग्रह भेजे गए उनमें अमेरिका के 23 जबकि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन के एक-एक सैटेलाइट शामिल हैं। सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए अन्य देशों ने एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (इसरो का व्यावसायिक उपक्रम) के साथ करार किया है।
15 फरवरी 2017 : 3 भारतीय समेत 104 सैटेलाइट लॉन्च कर इसरो ने रिकॉर्ड बनाया। इतनी बड़ी संख्या में एकसाथ किसी भी अंतरिक्ष एजेंसी ने उपग्रह लॉन्च नहीं किए। 23 जून 2017 : इसरो ने 31 उपग्रह लॉन्च किए, जिसमें से 29 विदेशी थे। 12 जनवरी 2018 : इसरो ने फिर 31 उपग्रह लॉन्च किए, जिनमें 28 विदेशी थे। 29 नवंबर 2018 : इसरो ने तीसरी बार 31 उपग्रह लॉन्च किए, 30 विदेशी सैटेलाइट थे।

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