सिद्धू एक दिन पहले ही पाक पहुंचे

चंडीगढ़, 27 नवम्बर 2018:

पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू एक बार पाकिस्‍तान जाने को लेकर चर्चाओं में हैं। सिद्धू पाकिस्तान में 28 नवंबर को होनेवाले करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्‍यास समारोह के लिए एक दिन पहले ही वहां पहुंच गए। वह अटारी- बाघा बॉर्डर के रास्‍ते पाकिस्‍तान गए। सिद्धू 26 नवंबर को भारत में हुए करतारपुर काॅरिडोर के शिलान्‍यास समारोह में शामिल नहीं हुए थे। डेरा बाबा नानक में हुए समारोह के समय वह उसी जगह मौजूद थे, लेकिन उसमें नहीं. डेरा बाबा नानक में उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने कॉरिडोर के भारत में बनने वाले हिस्‍से का शिलान्‍यास किया था। इस समारोह में पंजाब के राज्‍यपाल वीपी सिंह बदनौर, मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अम‍रिंदर सिंह, केंद्र और पंजाब के कई मंत्री, पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ सहित अनेक पक्ष व विपक्ष के नेता मौजूद थे। लेकिन, डेरा बाबा नानक में मौजूद रहने के बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू समारोह में नहीं पहुंचे थे। अलबत्‍ता उस समय उन्‍होंने साफ किया था कि पाकिस्‍तान में आयोजित होने वाले समारोह में भाग लेने वह किसी भी कीमत पर जाएंगे।इसके बाद सिद्धू पर पाक फिर जाने को लेकर निशाने पर थे। यहां तक की पंजाब के मुख्‍यमंत्री ने भी पाकिस्‍तान का न्‍यौता ठुकरा दिया था और उन्‍होंने पाक सेना प्रधान जनरल कमर बाजवा के बहाने सिद्धू पर निशाना साधा था। लेकिन, सिद्धू पर इसका असर नहीं हुआ। सिद्धू श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के 28 नवंबर को पाकिस्तान में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अचानक आज दोपहर बाद अटारी-बाघा बार्डर पहुंचे। मीडिया से बात किए बिना सिद्धू अटारी वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्‍तान रवाना हो गए। प‍ा‍किस्‍तान की सीमा में दाखिल होने से पहले उन्‍होंने भारत की ओर हाथ जरूर हिलाया। इससे पहले पाकिस्‍तान से मिले 28 नवंबर के समारोह के न्‍यौते को ठुकराते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वहां के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा पर शाब्दिक हमला किया था। राजनीतिक जानकाराें का कहना है कि कैप्‍टन अमरिंदर ने जिस अंदाज में बाजवा पर हमला किया उससे साफ लग रहा था कि उनका असली निशाना कहीं और है। सियासी गलियारे में यह चर्चा शुरू हो गई कि उनका निशाना सिद्धू की ओर तो था। बता दें कि कैप्टन ने एक ओर जहां पाकिस्तान सरकार द्वारा करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास करने संबंधी भेजे गए न्यौते को ठुकरा दिया है, वहीं उनके कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान जाने की ठान ली थी। कैप्टन ने जिस तरह से पाक सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा को निशाने पर लिया उससे सिद्धू द्वारा उन्हें अपनी पिछली यात्रा के दौरान डाली गई जफ्फी वाला विवाद फिर से उभर आया। सिद्धू डेरा बाबा नानक में होने पर भी सोमवार को नींव पत्थर समारोह में नहीं गए, लेकिन पाकिस्तान जाने की बात दोहरा गए। कैप्टन ने बाजवा को पंजाब में गड़बड़ी फैलाने की कोशिशों से बाज आने की चेतावनी दी। दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर कैप्टन ने पाकिस्तान न जाने संबंधी जो बयान दिया है उसकी आलोचना भी हो रही है। इसके बावजूद इसके कैप्टन अपनी बात पर अडिग हैं। उनका कहना है कि वह वहां कैसे जहां सकते हैं जो देश लगातार हमारे सैनिकों और नागरिकों की हत्या की कार्रवाइयों में शामिल है। कैप्टन अमरिंदर की उनकी पार्टी के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़, कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा और विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह उनके समर्थन में उतर आए हैं। तीनों ने उनके फैसले का स्वागत किया है।कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि हम आज 26/11 की बरसी मना रहे हैं। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री पाकिस्तान जाएं, यह ठीक नहीं है। कैप्टन राजनेता होने के साथ-साथ एक सैनिक भी हैं। सैनिकों का दर्द उन्हें हमेशा ही परेशान करता है। जम्मू-कश्मीर की सीमा पर पाकिस्तान भारतीय सैनिकों का खून बहा रहा है। ये बातें कैप्टन को कचोटती हैैं। ऐसे हालात में मुख्यमंत्री द्वारा पाकिस्तान न जाने का फैसला एक साहसिक फैसला है। कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा ने भी कैप्टन के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप में मजबूत संदेश दिया है। हमारे देश और राज्य में शांति भंग करने वाले पाकिस्तान की साजिश रचने के बारे में हमारी आंखों पर पïट्टी नहीं बंधी है। स्पीकर ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैनिकों पर हो रहे हमले को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।

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