गंभीर आर्थिक संकट में बैंक : अमित मित्रा

कोलकाताः राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बैंकिंग सेक्टर पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से बैंकों की बकाया राशि (एनपीए) तेजी से बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से देश की बैंकिंग व्यवस्था गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र की ज्यादातर बैंकों से लिए गए ऋण की वापसी नहीं होने के वजह से सूक्ष्म मध्यम और लघु उद्योगों के लिए ऋण सीमित होता जा रहा है। यह देश के विकास के लिए बेहद चिंताजनक परिस्थिति है। उन्होंने आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 के बाद बैंकों के एनपीए में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने दावा किया कि मार्च 2014 में देशभर में एनपीए का आंकड़ा केवल 2.4 लाख करोड़ रुपये था जो मार्च 2018 में बढ़कर 10.25 लाख रुपये हो गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि एनपीए में बढ़ोतरी का अनुपात भी तेजी से बढ़ा है। मार्च 2014 में एनपीए का आंकड़ा 4.4 प्रतिशत पर था जो 2018 में बढ़कर 11.6 प्रतिशत हो गया है। 
वहीं दूसरी ओर देशभर के 11 सहकारी बैंक एनपीए की समस्याओं की वजह से गंभीर मुश्किल में पड़े हैं। मार्च 2018 के अंत तक बैंकों का एनपीए बढ़कर 21 प्रतिशत हो गया है जो इस साल के अंत तक 22 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। इससे सूक्ष्म मध्यम और लघु उद्योगों के विकास में काफी समस्याएं हो रही हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल की सरकार की आर्थिक नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में मौजूद बैंकों के साथ मिलकर इतने अच्छे तरीके से काम किया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में 38000 करोड़ रुपये के एमएसएमई उद्योग का लक्ष्य रखा गया था जो 44059 करोड़ रुपये पर खत्म हुआ है।
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