जब 2023 साल शुरू हुआ तो हम बहुत कुछ सोच रहे थे। कि ऐसा करेंगे वैसा करेंगे, ये लक्ष्य की प्राप्ति करेंगे । लेकिन देखते देखते दिन, सप्ताह, साल खत्म हो गया और हम जहा थे, वही रह गए। सिर्फ चिंता, डर, टेंशन, में सोचकर साल खत्म हो गया। तो ऐसा क्यों होता है लाखो लोगो को वो मिलता है जो वो नही चाहते। कितना भी बड़ा जहाज हो उसको रोकने के लिए लंगर की जरूरत होती है वैसे ही हमारे दिमाग को भी लक्ष्य की जरूरत होती है जितना बड़ा लक्ष्य होगा उतनी अच्छे तरीके से हमारा दिमाग हमारे लक्ष्य को पाने में मदद कर पाएगा। अगर आपके दिमाग में स्पष्ट योजना नहीं है की कल सुबह उठकर मुझे क्या करना है तो यकीन मानिए । सारा दिन ऐसे ही बीतने वाला है। इसलिए छोटे छोटे प्लान बीज के रूप में अपने दिमाग में बो दे , दिमाग उसी तरीके से काम करने लग जायेगा। क्युकी सबसे बड़ा दोस्त, सबसे बड़ा दुश्मन हमारा दिमाग ही है । जो हो गया सो हो गया ,अब 2024 में एक दृढ़ संकल्प ले की चाहे जो भी हो जाए । हमे अपने लक्ष्य की प्राप्ति करना है क्यों की पछताने से अच्छा है की कुछ नया करने की साहस जुटाना। जब मन नहीं करे , तब उस काम को करने का साहस ही आप म
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