दिनांक २४.०६.२०१८ बड़ाबाजार लाइब्रेरी में
दिनांक २४.०६.२०१८ बड़ाबाजार लाइब्रेरी में आयोजित श्री अगम शर्माजी के स्मृति समारोह में सम्मिलित होने पधारी आदरणीया आशा जी से मुलाक़ात करने का अवसर मिला । जाने क्यों पहले दिन से ही इनके लिए एक स्नेहमयी भाव उतपन्न हुआ था और तभी से मिलने की इच्छा थी।
और जितने प्यार से ये मिली , गले लगाया उससे ये स्नेह और भी गहरा हो गया !!
आपको पढ़ा तो लगभग रोज़ाना ही करती थी, पर सामने सुनने का आनंद ही कुछ और है
फिर मिलने की कामना करती हूँ , और बहुत कुछ सिखने के लिए आपके आशीष की अभिलाषी हूँ।
हिवड़ा माईं उठ एक हिलोर
मन फिर फिर जावे थारी अोर
आ बातां शब्दों में कैवी जा कोणी
थारसूं बंधी जो एक प्रेम री डोर
Comments
Post a Comment