रविन्द्रनाथ टैगोर के जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए रविंद्र संगीत एल्बम को रिलीज किया

- अर्चना साव, कोलकाता, 8 मई 2018: रविन्द्रनाथ टैगोर ने एक बार कहा था की हो सकता है की काल मैं ना रहूं या मेरा काम भी एक दिन दूर हो जाएगा लेकिन मुझे मेरे गाने क्या जीवित रखेंगे। एक दूरदर्शी होने के नाते उनका मानना था कि उनका गीत केवल जीवित रह सकता है अगर अगली पीढ़ी शैली और स्वाद में अपने संगीत का अभ्यास करती है तो। जैसा कि टैगोर हमारे साथ पूरी तरह से संयोग दिये है, कभी संगीत, कभी सिनेमा, कभी कहानी, कभी उपन्यास,तो कभी नाटक के माध्यम से और हर संभव रचनांतरण रूप में आज भी हम सबके बीच उपस्थित हैं। इन्हीं रविन्द्र नाथ टैगोर के जन्मदिवस पर कोलकाता प्रेस क्लब में हिंडोल कुंडू ने अपना पहला रविंद्र संगीत एल्बम को रिलीज किया। इस सम्मेलन में उपस्थित हुए- प्रदीप घोष, आलोक रॉय चौडरी, श्रीनंदा मुखर्जी। प्रदीप घोषणा बताया की आज के युवा पीढ़ीयो में संगीत की कदर बिल्कुल भी नहीं किया करते हैं, पर कहीं - कहीं कुछ ऐसे भी युवा पीढ़ी है जो आज भी रविंद्र संगित को सुनना पसंद करते हैं और अपने स्वाद में संगीत का अभ्यास करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल ही रविंद्र नाथ का घर है, और हम उन्हें भूल कर मानवता कार्य में दिल्ली तक जा पहुंचे हैं पर उनके इस योगदान को भूलना नहीं चाहिए जो उन्होंने हम सबके लिए किया। इस सम्मेलन में टाइगर के जन्मदिन समारोह के जश्न मनाने के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में, मैं, हिंडोल कुंडू अपने सह - गायक प्रस्सेंजित, अस्मिता और सिमी के साथ मौसिवी स्टूडियो में एक संगीत एल्बम के प्रति कृतज्ञता दिखाने के लिए एक छोटी सी पहल की है, जिसका नाम है प्रोबासे रबी।

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