
हावड़ा: समाज के सभी वर्गों के बीच योग के महत्व को रेखांकित करने के उद्देश्य से 14 दिसंबर, रविवार को हावड़ा मैदान के समीप स्थित रामगोपाल मंच में एक भव्य राज्यस्तरीय योग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व देवलोक सोशियो-कल्चरल फाउंडेशन ने किया, जिसमें मनमथपुर प्रणव मंदिर, UCMAYPSF, Yogam तथा हावड़ा संस्कृत साहित्य समाज का सहयोग रहा।
इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य आम जनता और युवाओं के बीच योग के लाभ, आवश्यकता और जीवन में उसकी उपयोगिता को उजागर करना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी दिव्यज्ञानानंदजी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में दैनिक जीवन में योग की भूमिका, मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य में इसके महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में आचार्य अनुभव हाजरा (संस्थापक एवं मुख्य आयोजक, देवलोक सोशियो-कल्चरल फाउंडेशन), सुजय चट्टोपाध्याय (वरिष्ठ पत्रकार एवं संस्थापक, एच.के. मीडिया इन्फोटेनमेंट), इंद्ररूप रायचौधुरी (जूनियर साइंटिस्ट एवं प्रमुख, UCMAYPSF) तथा डॉ. शंकर सान्याल (अध्यक्ष, हरिजन सेवक संघ) उपस्थित रहे। राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए न्यायाधीशों और विशिष्ट व्यक्तित्वों ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।
राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त योग नेतृत्वकर्ता इंद्ररूप रायचौधुरी ने इस प्रतियोगिता में विशेष भूमिका निभाई। आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता रही पश्चिम बंगाल के सभी जिलों से आए प्रतिभागियों की व्यापक भागीदारी। बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक, सभी आयु वर्ग के लोगों ने उत्साहपूर्वक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।
प्रतियोगिता को पुरुष एवं महिला वर्ग में विभाजित करते हुए आयु के आधार पर कुल सात समूहों में आयोजित किया गया। प्रत्येक वर्ग के विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार प्रदान किए गए। लगभग 700 प्रतिभागियों ने विभिन्न आयु वर्गों में प्रतियोगिता में भाग लिया।
इस राज्यस्तरीय योग प्रतियोगिता को देखने के लिए पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से दो हजार से अधिक दर्शक उपस्थित रहे। अभिभावक, शिक्षक, योगप्रेमी और खेलप्रेमियों की भारी उपस्थिति ने आयोजन को एक सच्चे जनउत्सव का रूप दे दिया।
उल्लेखनीय बात यह रही कि केवल विजेताओं को ही नहीं, बल्कि प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों—चाहे वे स्थान प्राप्त कर पाए हों या नहीं—को भी विशेष पुरस्कार एवं उपहार प्रदान किए गए, जिससे प्रतिभागियों का उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ा।
देवलोक सोशियो-कल्चरल फाउंडेशन लंबे समय से संस्कृत भाषा, गीता, वेद-उपनिषद, योग और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाता आ रहा है। इस आयोजन के माध्यम से संस्था ने समाज को स्पष्ट संदेश दिया—
“योग सभी के लिए है—आयु और लिंग की परवाह किए बिना, योग साधना से हर व्यक्ति लाभान्वित हो सकता है।”
✨ योग के माध्यम से स्वस्थ समाज निर्माण का संदेश देता यह राज्यस्तरीय योग महोत्सव हावड़ा में एक यादगार सांस्कृतिक एवं खेल उत्सव के रूप में स्थापित हुआ।
