
कोलकाता, 2 दिसंबर 2025: सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया निर्देश के विरोध में, जिसमें राजमार्गों, बस स्टॉप और अन्य सार्वजनिक स्थानों से सामुदायिक कुत्तों और मवेशियों को पकड़ने का आदेश दिया गया है, कोलकाता में लोरेटो हाउस के स्कूली बच्चे आज एक विशेष प्रदर्शन में शामिल हुए। बच्चों ने कुत्ते और गाय के मुखौटे पहनकर समुदाय के इन जानवरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई।
यह प्रदर्शन PETA इंडिया द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस का हिस्सा था। प्रदर्शनकारियों ने “कुत्ते और गाय भी कोलकातावासी हैं” जैसे संदेश वाले पोस्टर लहराए और सर्वोच्च न्यायालय से इस निर्णय को वापस लेने की अपील की। बच्चों ने स्थानीय समुदाय को जागरूक करने के लिए “सेव देसी डॉग्स” बंदाना भी वितरित किए।
कार्यक्रम स्थल
साउथ गेट, विक्टोरिया मेमोरियल, मैदान, कोलकाता
समय: 12 बजे दोपहर
PETA इंडिया की नीति सहयोगी चुमकी दत्ता ने कहा कि जानवरों को कैद करने और जबरन हटाने के बजाय दया, नसबंदी और टीकाकरण ही समाधान है। उन्होंने कहा, “कुत्ते और गाय हमारे समुदाय का हिस्सा हैं। उन्हें सड़कों से हटाना अवैध भी है और क्रूर भी।”
लोरेटो हाउस स्कूल की प्रधानाचार्या पुरबिता बागची ने कहा, “हम अपने छात्रों को दयालुता का महत्व सिखाते हैं और आज वे उन जानवरों के लिए खड़े हैं जिनके साथ हम इस धरती को साझा करते हैं।”
भारत में वर्तमान में 60 मिलियन से अधिक कुत्ते-बिल्लियाँ सड़कों पर रहती हैं, जबकि 88 लाख से ज्यादा पहले से ही भीड़भाड़ वाले आश्रय स्थलों में हैं। साथ ही 50 लाख से अधिक आवारा मवेशियों को डेयरी उद्योग द्वारा छोड़ दिया जाता है।
एबीसी (पशु जन्म नियंत्रण) नियम, 2023 के तहत सामुदायिक कुत्तों को विस्थापित करना अवैध है।
PETA इंडिया ने अवैध डेयरियों और अपंजीकृत पेट शॉप्स को बंद करने की मांग दोहराई और लोगों से आश्रय या सड़क पर रहने वाले पशुओं को अपनाने तथा उनके प्रति संवेदनशीलता दिखाने की अपील की।
