
कोलकाता, 2 सितम्बर 2025: दुर्गा पूजा की तैयारियों के बीच मणिपाल हॉस्पिटल्स, कोलकाता ने मंगलवार को कुम्हारटोली के मूर्तिकारों के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। मां दुर्गा की प्रतिमाओं को गढ़ने वाले इन कारीगरों के स्वास्थ्य और कल्याण को ध्यान में रखते हुए अस्पताल ने कई पहलें शुरू कीं।
कार्यक्रम में डॉ. अयनाभ देबगुप्ता (रीजनल चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, मणिपाल हॉस्पिटल्स ईस्ट), डॉ. कुनाल सरकार, डॉ. विकाश कपूर, डॉ. शुभायू बनर्जी, डॉ. सौरव दत्ता, डॉ. पायल बोस, डॉ. किशेन गोयल, डॉ. देबराज जश, डॉ. सुजीत चौधुरी, डॉ. अंशु सेन, डॉ. सुरंजन मुखर्जी, डॉ. स्मिता मोइत्रा, डॉ. सीमा दत्ता राय, डॉ. परोमिता कंजिलाल चक्रवर्ती, डॉ. सौमेन बसु, डॉ. अभिनीबेश चट्टोपाध्याय और डॉ. पॉली चट्टोपाध्याय सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित रहे।
इस अवसर पर प्रिविलेज हेल्थ कार्ड भी लॉन्च किया गया, जिसके माध्यम से मूर्तिकारों को प्राथमिकता के साथ इलाज, परामर्श और अन्य चिकित्सीय सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण “प्रिवेंशन इज़ बेटर दैन क्योर” विषय पर पैनल चर्चा रहा। इसमें विशेषज्ञों ने बताया कि मूर्तिकारों को उनके काम के कारण आँखों, श्वसन तंत्र, हड्डियों, नसों और पाचन संबंधी बीमारियों का खतरा रहता है। विशेषज्ञों ने मूर्तिकारों को सावधानियाँ और स्वास्थ्य संबंधी सुझाव दिए। इसके बाद मूर्तिकारों ने डॉक्टरों के साथ इंटरैक्टिव सत्र में अपने अनुभव और समस्याएँ साझा कीं।

डॉ. अयनाभ देबगुप्ता ने कहा, “दुर्गा पूजा बंगाल की आत्मा है। कुम्हारटोली के मूर्तिकार हर साल मां दुर्गा को जीवंत करते हैं। उनकी कला और समर्पण हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। मणिपाल हॉस्पिटल्स उनके स्वास्थ्य और भलाई के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है ताकि वे अपनी परंपरा और आस्था को मजबूती के साथ आगे बढ़ा सकें।”
गौरतलब है कि हर साल कुम्हारटोली से 3,000 से अधिक प्रतिमाएँ कोलकाता, 5,000 भारत के अन्य हिस्सों और लगभग 10,000 प्रतिमाएँ विदेशों में निर्यात की जाती हैं। इन कलाकारों की निष्ठा और मेहनत को देखते हुए मणिपाल हॉस्पिटल्स ने उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा का संकल्प दोहराया।
