मेराकी 2.0: फोटोग्राफी के माध्यम से रचनात्मक क्षमता को उजागर करना

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कोलकाता19 अगस्त 2025: फोटोग्राफी केवल एक शौक या पेशा नहीं हैबल्कि यह एक कला है जिसे संजोयाखोजा और गहराई से सराहा जाता है। जैसे-जैसे फ़ोटोग्राफ़ी लगातार विकसित हो रही हैजिसमें रीलफ़िल्में और मोशन ग्राफिक्स शामिल हैंवैसे-वैसे मेराकी 2.0 एक ऐसा मंच बनकर उभरा है जो फोटोग्राफी के हर स्वरूप का जश्न मनाता है। यह मंच विभिन्न दृष्टिकोणों को एक साथ लानेसार्थक चर्चाओं को बढ़ावा देने और सभी आयु वर्गों के फोटोग्राफी प्रेमियों को एकजुट करने का कार्य करता है। कक्षा में मिलने वाले सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव के बीच की खाई को पाटते हुए मेराकी फोटोग्राफी को एक कैरियर और एक कला—दोनों रूपों में गहराई से समझने का अवसर देता है।





आईलीड कोलकाता ने फूजीफिल्म इंडिया के सहयोग से मेराकी 2.0 का आयोजन किया – 18-20 अगस्त, 2025 तक विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर फोटोग्राफी की कला और विकास का सम्मान करने वाला तीन दिवसीय महोत्सव ।

मेराकी फोटोग्राफी फेस्टिवल रचनात्मकता का एक जीवंत उत्सव रहा, जिसमें शामिल थे:

·         कोलकाता के 150 स्कूलों और 40 कॉलेजों से 250 से अधिक फोटोग्राफ्स

·         छात्रों, कॉलेज के छात्रों और आईलीड के कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत कृतियाँ

·         विशेषज्ञ सत्र जैसे: लोपामुद्रा तालुकदार (फूजीफिल्म एक्सपर्ट) द्वारा ट्रैवल फोटोग्राफी, सौम्य शंकर घोषाल, ट्रैवल और डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफर द्वारा विजुअल स्टोरीटेलिंग और स्ट्रीट फोटोग्राफी, पुनीत सबनानी, फिल्म निर्माता और कंटेंट क्रिएटर द्वारा कंटेंट क्रिएशन पर सत्र (सोनी एवं निकॉन कैमरा एक्सपर्ट)

·         उत्कृष्ट फोटोग्राफी के लिए पुरस्कार वितरण

150 से अधिक स्कूलों और 40 कॉलेजों की भागीदारी, साथ ही छात्रों, पेशेवरों और आईलीड के कर्मचारियों के कार्यों की प्रस्तुति ने यह सिद्ध किया कि आईलीड की प्रतिबद्धता केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है। यह संस्थान प्रेरणादायक शिक्षा, दीर्घकालिक अनुभवों और ऐसी कला को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जो पीढ़ियों तक प्रभाव छोड़ती है।


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