
हावड़ा, 13 सितंबर:
आज देशभर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत, हावड़ा जिला न्यायालय में भी भव्य आयोजन किया गया। यह लोक अदालत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के तत्वावधान में, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, पश्चिम बंगाल और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हावड़ा के नेतृत्व में आयोजित की गई।
कार्यक्रम का नेतृत्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश, हावड़ा तथा अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अभिजीत सोम, एसडीएलएससी उलूबेड़िया के अध्यक्ष श्री अनिर्बान चौधुरी तथा डीएलएसए हावड़ा की सचिव श्रीमती अर्शिया मुस्ताक द्वारा किया गया।
इस अवसर पर कुल 21 पीठों का गठन किया गया — जिनमें 18 पीठ सदर (मुख्यालय) में तथा 3 पीठ उलूबेड़िया SDLSC में स्थापित की गईं। इन पीठों में विभिन्न मामलों का निपटारा किया गया जिनमें शामिल थे:
बिजली बिल विवाद
मोटर वाहन दुर्घटना दावे
बैंक ऋण मामले
ट्रैफिक चालान
बीएसएनएल से जुड़े मामले
आपराधिक संज्ञेय मामले (जहाँ समझौता संभव है)
सिविल रिकॉर्ड आदि
प्रत्येक पीठ में तीन सदस्य नामित किए गए — जिनमें सेवारत एवं सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी, वकील तथा सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।
सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति बनी विशेष आकर्षण
इस लोक अदालत में कई प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सदस्य के रूप में भाग लिया। इनमें शामिल थे:
श्री जहर दास – पूर्व प्री-ओलंपिक भारतीय फुटबॉल टीम के सदस्य, तथा मोहन बागान एवं ईस्ट बंगाल के पूर्व खिलाड़ी और कोच
डॉ. मनोरंजन डेयाशी – एनसीएच मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी
अपराजिता दास – ट्रांसजेंडर समुदाय से प्रोफेसर, जिन्होंने समाज में समावेशिता की मिसाल पेश की
मोल्ला जसीमुद्दीन – सामाजिक कार्यकर्ता
ममून अख्तर – सामरिटन हेल्प मिशन के संस्थापक
श्रीमती महास्वेता मुखर्जी – अमरा पदातिक संस्था की सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिकारी
इम्तियाज भारतीय – एनजीओ सचिव एवं प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता
यह लोक अदालत केवल मामलों का समाधान करने का मंच नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, न्याय तक सरल पहुँच और जन-जागरूकता का प्रतीक बन गई।
