
कोलकाता, 7 अगस्त 2025:
WICCI आर्ट्स काउंसिल, पश्चिम बंगाल ने “धरोहर – कारीगरों को समर्पित एक भावभीनी श्रद्धांजलि” के तीसरे संस्करण के साथ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को कोलकाता के प्रतिष्ठित द सैटरडे क्लब में भव्यता से मनाया। यह वार्षिक आयोजन भारत के हथकरघा उद्योग की उत्कृष्ट कारीगरी को सम्मान देने और देश की समृद्ध बुनाई परंपराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया जाता है।
धरोहर 2025 के मुख्य आकर्षण के रूप में एक शानदार हथकरघा फैशन वॉक आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों ने पारंपरिक हथकरघा साड़ियों और परिधानों में रैम्प पर चलकर भारत के बुनकर समुदाय के प्रति एकजुटता प्रकट की। यह शो केवल फैशन का नहीं, बल्कि कारीगरों के समर्थन और उनके कार्य की आधुनिक भारत में प्रासंगिकता को रेखांकित करने वाला प्रतीकात्मक प्रयास था।
इस खास अवसर की शोभा बढ़ाईं प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री और मॉडल ऋचा शर्मा, जिन्होंने न केवल अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को सितारा चमक दी, बल्कि भारत की समृद्ध हथकरघा विरासत और इसके पीछे काम करने वाले बुनकरों के प्रति अपने सम्मान को भी साझा किया।
इस आयोजन का नेतृत्व परमिता घोष, क्षेत्रीय अध्यक्ष, WICCI आर्ट्स लीडरशिप काउंसिल और अनिशा सिंह मोटवानी, उपाध्यक्ष, WICCI पश्चिम बंगाल आर्ट्स लीडरशिप काउंसिल ने किया। दोनों ने मिलकर एक ऐसी संध्या की रूपरेखा तैयार की जो फैशन, परंपरा और सामाजिक संदेश को खूबसूरती से एक मंच पर लाती है।
रैम्प पर जिन प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया, उनमें शामिल थे:
सुदेशना रॉय, प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक एवं अभिनेत्री
डॉ. रुपाली बसु, चेयरपर्सन, होम हेल्थ केयर
आईपीएस शांति दास, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
मानोषी रॉय चौधरी, सह-अध्यक्ष, टेक्नो इंडिया ग्रुप
सीमा सपारू, प्रिंसिपल, द हेरिटेज स्कूल
जायेता गांगुली, प्रिंसिपल, एसपीके जैन फ्यूचरिस्टिक अकादमी
इनके साथ ही शासन, शिक्षा, कला और सामाजिक क्षेत्र की कई अन्य प्रभावशाली हस्तियों की उपस्थिति ने इस संदेश को और भी मजबूत किया कि हथकरघा केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक आंदोलन है।
आयशा सिंह, चेयरपर्सन – आर्ट्स एंड कल्चर कमिटी, द सैटरडे क्लब ने कहा, “भारतीय विरासत के इस उत्सव में WICCI आर्ट्स के साथ साझेदारी कर हमें बेहद खुशी हुई। हमारा क्लब सांस्कृतिक विरासत और कलात्मक अभिव्यक्ति को महत्व देता है। धरोहर एक ऐसा सुंदर प्रयास है जो फैशन को उद्देश्य से जोड़ता है।”
परमिता घोष ने कहा, “हथकरघा केवल एक शिल्प नहीं है — यह पीढ़ियों से चली आ रही एक विरासत है। धरोहर के माध्यम से हमारा उद्देश्य बुनकरों को दृश्यता देना और सततता एवं सांस्कृतिक गर्व को लेकर संवाद को प्रोत्साहित करना है।”
फैशन वॉक के अलावा, धरोहर 2025 में क्राफ्ट सेक्टर में स्थायित्व, तेज़ी से बदलते फैशन उद्योग में कारीगरों की चुनौतियाँ और हथकरघा क्षेत्र में नवाचार और संरचित समर्थन की आवश्यकता पर भी गंभीर चर्चा हुई।
हर वर्ष के साथ धरोहर भारतीय हथकरघा परंपराओं को पुनर्जीवित करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को और मज़बूत करता है, और बुनकरों को वह पहचान व समर्थन देने की कोशिश करता है, जिसके वे हकदार हैं। WICCI आर्ट्स काउंसिल ने एक बार फिर भारत की वस्त्र-परंपरा के संरक्षण और बुनकरों के सशक्तिकरण के अपने संकल्प को दोहराया।
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