
कोलकाता, 28 अगस्त : गानेवाले, आठ उत्साही वरिष्ठ नागरिकों का एक संगीतमय समूह, कला मंदिर में एक यादगार संगीतमय संध्या के साथ अपना दूसरा वार्षिकोत्सव सफलतापूर्वक मनाया। दर्शक अंत तक मंत्रमुग्ध रहे और और अधिक सुनने की इच्छा व्यक्त करते रहे।
श्री मधुसूदन दास मुंधड़ा द्वारा स्थापित इस समूह का गठन संगीत के प्रति साझा प्रेम और गायन की आजीवन अभिलाषा को पूरा करने के उद्देश्य से हुआ। इस वर्ष का उत्सव समूह के लिए एक नया अध्याय था, क्योंकि पहली बार महिला गायिकाओं को इसमें शामिल किया गया। पिछले वर्ष ज्ञान मंच में आयोजित प्रथम वार्षिकोत्सव की सफलता के बाद, इस वर्ष का कार्यक्रम और भी शानदार सिद्ध हुआ।
कार्यक्रम में एकल, युगल और सामूहिक प्रस्तुतियों का विविध संकलन प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों को पूरी तरह मंत्रमुग्ध कर दिया। समूह के सदस्यों – श्री मधुसूदन दास मुंधड़ा (संस्थापक) जो स्वास्थ्य कारणों से रिहर्सल करने के बावजूद, प्रोग्राम में हिस्सा नहीं ले सके, श्री श्याम सुंदर डागा, श्री चंद्र नारायण मोहता, श्री प्रकाश मिमानी, श्री विजय दामानी, श्री माधव पी. मोहता, श्री राज बागरी, श्री बालेश बागड़ी, श्रीमती मंजू भट्टड़, श्रीमती शिखा डागा और श्रीमती रितिका थवानी– की प्रतिभा और समर्पण ने सभी को अभिभूत कर दिया।
दर्शक पूरे कार्यक्रम के दौरान अपनी सीटों पर जमे रहे और प्रस्तुत किए गए सदाबहार गीतों और अमर क्लासिक धुनों का आनंद उठाते रहे। संध्या के प्रमुख आकर्षणों में लोकप्रिय पुराने फिल्मी गीतों की भावपूर्ण प्रस्तुतियाँ और एक मधुर सामूहिक मेडली शामिल थी।
उत्साहजनक प्रतिक्रिया ने समूह की संगीतमय साधना के प्रति गहरी सराहना को दर्शाया। समूह के अध्यक्ष श्री बालेश बागड़ी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा –
“श्रोताओं से मिला उत्साह अद्भुत था। यही हमें आगे भी अपनी संगीत-प्रेम की भावना साझा करने की प्रेरणा देता है। हम अपने तीसरे वार्षिकोत्सव को और भी बड़ा और बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे।”
