कोलकाता, 02 दिसम्बर।
बेहाला की नवोदित सामाजिक व साहित्यिक संस्था 'ओम श्री माॅ फाउंडेशन के तत्वावधान में बामा चरण राय रोड, बेहाला में सम्पन्न हुआ। संस्था की संस्थापक व वरिष्ठ कवयित्री मृदुला कोठारी 'मधु' ने कहा कि यदि धार्मिक मान्यताओं की बात करें तो सनातनी परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है जो उपनिषद और धर्म सूत्रों का है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने जन्म और मृत्यु के सच को रेखांकित करते हुए कहा है कि जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है। मुख्य अतिथि शिव शंकर सिंह 'सुमित ' ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में तीन गुण बताए हैं। सत्व, रजस तमस। व्यक्ति के विचारों में इन्हीं तीन गुणों का समावेश होता है। विशिष्ट अतिथि राम पुकार सिंह 'पुकार गाजीपुरी ' ने कहा कि सकरात्मक जीवन जीने की राह गीता दिखाती है। इसीलिए व्यक्ति को हमेशा सकारात्मक सोच के साथ सक्रिय रहना चाहिए। इस खास अवसर पर रचनाकारों में राम अवतार सिंह, नन्दू बिहारी, संजय शुक्ल, दया शंकर मिश्र, नन्द लाल सेठ 'रौशन ' प्रणति ठाकुर, डाॅ उर्वशी श्रीवास्तव, स्वेता गुप्ता 'स्वेतांबरी ', रणजीत भारती और पुरूषोत्तम चौधरी ने भी गीता के संदर्भ में अपनी रचनाएँ सुनाकर कार्यक्रम को सार्थक बना दिया। समारोह अध्यक्ष व गीतकार चन्द्रिका प्रसाद पाण्डेय 'अनुरागी 'ने सबकी रचनाओं पर बखूबी समीक्षात्मक टिप्पणी की तथा अपनी रचना पेश कर वाह-वाही बटोरीं। कार्यक्रम का प्रभाव शाली संचालन प्रदीप कुमार धानुक व धन्यवाद ज्ञापन संजय कोठारी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विनीता, कविता, नमिता और मीना कोठारी का अतुलनीय योगदान रहा।
प्रदीप कुमार धानुक
(स्वतंत्र पत्रकार व कवि)
74398-82266